रविवार, 23 मई 2010

manaa lo unko ..........

कोई भी ज़ख्म... गुनाह ज़िन्दगी से बड़ा नहीं,
दिल बड़ा करके अपनों को बुला लो यारों.
प्यार जिनसे है खता मुआफ उनकी कर भी दो,
प्यार से दूर होने की सजा खुद को ना दो यारों.