ये वक़्त भी कितना ज़ालिम है, इसे चाहूं तो ये मिलता नहीं,
जब मिलता है तो लिखने को मेरे पास में कोई ख़याल नहीं,
गुरुवार, 17 दिसंबर 2009
मंगलवार, 8 दिसंबर 2009
meaow F M 104.8/ 5 a.m. to 7 a.m.
हे प्रेम धारा पार्वती राठौड़, हर सुबह ५ बजे आप जो भक्ति रस की धारा meaow F M चैनल १०४.८ पर बहाती हैं, क्या आप जानती हैं कि कितने लोग भक्ति रस में डूबते हैं और हम आपकी आवाज़ के रस में...... नहीं जानते कि आपके ज्ञान - ध्यान से कितनों का भला हो रहा है..... जानते हैं तो बस यही कि आपकी आवाज़ ने दीवाना बना रखा है.... सुनिए .... परलोक तो जब सुधरेगा तब सुधरेगा... मगर ये लोक तो आपकी मधुर वाणी के रस में डूब कर आनंदमय हो गया है...... सुबह ७ बजे के बाद अपने पास वक़्त नहीं होता कि आपको ४३५८१०४८ पर डायल करके बात कर सकें .......सुंदर कार्यक्रम जारी रखियेगा .....
सोमवार, 7 दिसंबर 2009
muddat hui......
आज फिर तुमसे मिलने को दिल चाहता है,
मुद्दत हुई मुलाकातों को बीते, इन तनहाइयों में यूँही जीते जीते,
खामोशियों में इन अश्कों को पीते.....
इन उदासियों से रिहा चाहता है, आज फिर तुमसे मिलने..........
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