navneet dil se
Its straight from the heart.On the issues which touch my heart.
गुरुवार, 10 मार्च 2011
aa gale lag ke..........
आज तन्हाई तेरी यादों में डूबे जाती है,
आ गले लग के ख्वाब ही में मिल जा .
छाया है चारों तरफ अब वसंत का मौसम ,
कहीं फूलों की किसी बगिया में ही मिल जा.
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wo khili hui si hasi..........
aa gale lag ke..........
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