मंगलवार, 6 मई 2014

2011 में  राजनीतिक विश्लेषक कयास लगा  रहे थे कि 2014 का  चुनाव भ्रष्टाचार  और काले धन की विदेशों से वापसी पर  लड़ा  जाएगा। मोदी जी ने इसे विकास के नाम पे लड़ना चाहा लेकिन कांग्रेस ने धर्म-निरपेक्षता  बनाम साम्प्रदायिकता बनाने  की  कोशिश की है।  यह तो चुनाव का रिज़ल्ट बताएगा की जनता ने किस मुद्दे को अपना समर्थन दिया है ।   

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