2011 में राजनीतिक विश्लेषक कयास लगा रहे थे कि 2014 का चुनाव भ्रष्टाचार और काले धन की विदेशों से वापसी पर लड़ा जाएगा। मोदी जी ने इसे विकास के नाम पे लड़ना चाहा लेकिन कांग्रेस ने धर्म-निरपेक्षता बनाम साम्प्रदायिकता बनाने की कोशिश की है। यह तो चुनाव का रिज़ल्ट बताएगा की जनता ने किस मुद्दे को अपना समर्थन दिया है ।
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