बुधवार, 10 अगस्त 2011

august kranti

 हर साल १९४२ की अगस्त क्रांति को यूँ तो रस्मी-तौर पर याद किया जाता है. लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में इस समय जो माहौल बन रहा है, हमें इतिहास पर नज़र डालने की ज़रूरत  है. २७ अप्रैल १९४२ को कांग्रेस कार्य समिति में रखा था वो आज के माहौल में सर्वाधिक प्रासंगिक है. इसमें कहा गया है -" बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक का प्रश्न ब्रिटिश शासन की उपज है. और अंग्रेजों के यहाँ से जाते ही यह प्रश्न भी समाप्त हो जायेगा. सम्पूर्ण स्वाधीनता से कम किसी भी चीज़ से मैं संतुष्ट होने वाला नही." प्रस्ताव काफी लम्बा है... मगर भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम और अन्य जनांदोलनों को एक मंच पर लाकर 'संपूर्ण स्वाधीनता' की दिशा में निर्णायक कदम उठाने की ज़रूरत है.

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