बुधवार, 30 सितंबर 2009
ये ज़रूरी तो नहीं
बच्चे हमेशा अव्वल ही आयें ....... ये ज़रूरी तो नहीं। पढ़ाई ज़रूरी है लेकिन क्या पढ़ाई के साथ और भी काम ज़रूरी नहीं। जैसे.... खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सेहत। बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। आजकल ये अनुभव हो रहा है कि बच्चों से ज़्यादा अभिभावकों को पेरेंटिंग सीखने कि ज़रूरत है। क्यों आप क्या सोचते हैं .......... बताईये ना .... स्वागत है आपके विचारों का।
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sahi kaha aapne.narayan narayan
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