रविवार, 15 नवंबर 2009

kahaan hain aap.....


कहाँ हैं आप .... प्रभाष जोशी जी ...... उन पत्रकारों को अब कौन राह दिखायेगा जो पैसा लेकर ख़बरें छापते हैं.
जनसत्ता में अब आपका "कागद कारे " कालम रविवार को नहीं मिला करेगा. ऐसी बहुत सी बातें आपके निधन
से अधूरी  रह गयी हैं.... आपको  इस पाठक की श्रद्धांजलि ....... भगवान् आपकी आत्मा को शांति प्रदान करे ........
पत्रकारिता जगत  में आपका नाम सदा आदर सम्मान के साथ लिया जायेगा.

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