बुधवार, 24 मार्च 2010

mehar barsi hai yaron............

खबर आयी है ... छप्पर अचानक फंट गया यारो,
के बिन बादल अचानक खूब मेहर बरसी है यारों,
गिला कैसा कि फिर बंटी पंचों को सौगात है यारों.
जितनी झोली थी मिली उतनी ही सौगात है यारों.
      खुदा का शुक्रिया कर दो अदा, कुछ जश्न हो जाए,
      सुरूर छा जाये फिजा पर... हवा में जाम लहरायें.

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